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पड़ोसन भा भी की प्यासी👉👌

 






दोस्तोनमस्कार. मैं राज शर्मा चंडीगढ़ से। आपने मेरी अपनी कहानियां पढ़ कर मुझे बहुत मेल भेजे, उसके लिए आप सभी का धन्यवाद।

इस शृंखला की पिछली दो कहानियों
बिल्डिंग की कुंवारी लड़की की चुदाई
गर्लफ्रेंड की बड़ी बहन को चोदा
में आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपनी बिल्डिंग की छत पर रहने वाली दोनों बहनों को चोद डाला।

अब आगे की कहानी यहीं से शुरु होती है। मेरे से ऊपर वाले फ्लोर में एक ड्राइवर की फैमिली रहती थी 2 बच्चे और मियाँ बीवी।
बच्चे दिन में स्कूल जाते और ड्राइवर भाई साहब अपने काम पर. तो वो भाभी उस मंजिल पर अकेली ही रहती थी। वो 35 साल के आसपास होगी।

मैंने तो कभी उस पर ध्यान ही नहीं दिया था। पर वो पता नहीं कब से मुझ पर नजर रखे हुए थी जिसका मुझे पता ही नहीं था। मुझे तो जब भी मौक़ा मिलता मैं दोनों बहनों में से एक को चोद आता था।

इस भाभी को मुझ पर शायद शक हो गया था कि मैं ऊपर क्यों जाता हूं.

और एक दिन वो हो गया जो होना न था। उसने मुझे छोटी बहन को चोदते हुए देख लिया। गलती मेरी ही थी ओवर कॉन्फिडेंस में छत का दरवाजा बंद करना ही भूल गया और उसने खिड़की के छेद से सारी रासलीला देख ली। छोटी को चोदते हुए मुझे पता चल गया कोई ऊपर आ गया है और वो हमें छुप कर देख रहा है क्योंकि बार बार कोई खिड़की के बाहर हिल रहा था।

मैंने भी सोचा जो होगा बाद में देखा जाएगा। अगर इसे किसी को बोलना ही होता तो चिल्ला कर अभी तक सभी को बुला लिया होता।
मैं छोटी को और जोर जोर से चोदने लगा और वो भी सिसकारी ले ले कर चुदवा रही थी।

जब हम दोनों का काम हो गया तो मैं फटाफट उसके ऊपर से उतरा और दरवाजा खोल कर बाहर आ गया. उसे दरवाजा खुलने का पता चल गया वो भी जल्दी से नीचे भाग गई पर तब तक हम दोनों ने एक दूसरे को देख लिया था।

भाभी झड़ने वाली थी, उन्होंने मेरा मुँह पकड़ लिया और पानी छोड़ दिया।


कुछ देर हम ऐसे ही पड़े रहे. फिर मैंने उसे गर्म करना शुरू किया. वो बहुत जल्द लण्ड लेने को तैयार हो गयी।


“इसे थोड़ा चूस कर गीला करो भाभी … और फिर झुक जाओ. मैं आपकी पीछे से चूत मारना चाहता हूँ।”

तो भाभी ने कहा- यह भी कोई पूछने की बात है। मेरे राजा ये सारा जिस्म ही तुम्हारा है जैसे चाहते वैसे चोद डालो पर मेरी प्यास बुझा दो।


थोड़ी देर भाभी ने मेरा लण्ड चूसा. जैसे ही लण्ड गीला हुआ, मैंने भाभी को झुकाया और अपना लण्ड अंदर डालने लगा।


भाभी कहने लगी- आराम से डालना बहुत दिन बाद चुद रही हूं। मेरा पति दिन भर गाड़ी चलाता है और जब मेरे ऊपर आकर मेरी जवानी की गाड़ी में तेल डालने की बात आती है तो वो मुंह फेर कर सो जाता है। पता नहीं मैं कब से चुदी नहीं हूँ।


मैंने उनकी चूत में लण्ड सेट किया और लण्ड अंदर डालने लगा। भाभी की चूत का साइज़ काफी छोटा था या फ़िर कहो कि भाई ने उन्हें चोदना छोड़ दिया था।


भाभी ने चिल्लाना शुरू कर दिया। मुझे तो ऐसा लगा जैसे मैं कुँवारी चूत में अपना लंड डाल रहा हूं.

अभी तो थोड़ा ही लंड अंदर गया था और भाभी चिल्ला रही थी- धीरे करो ना!


मैं अपने आधे अन्दर गये लंड से ही उनकी धीरे-धीरे चुदाई करने लगा।


जब उन्हें मजा मिलने लगा तो भाभी बोली- देखो, अब रुकना नहीं … चाहे मैं कितना भी कहूं रुकने को। बहुत दिनों बाद ऐसा मौका नसीब में आया है।

मैंने कहा- ठीक है.


धीरे धीरे मैंने लोड़े को भाभी की चूत के अंदर करना शुरू किया. भाभी की आंखों में आंसू निकल रहे थे पर उन्होंने मुझे रोका नहीं।

जब पूरा लंड भाभी की चूत में चला गया तो भाभी ने कहा- थोड़ी देर के लिए रुको!

मैं उनके ऊपर ही लेट गया।


कुछ देर बाद भाभी ने नीचे से उछलना शुरू किया तो मैंने कहा- भाभी जी, बड़े मजे कर रही हो मेरे लंड से।

तो वो बोली- चलो बातें ना करो. और अब तो जोर से चोद डालो। चूत को छोड़ना मत!


मैंने उन्हें फुल स्पीड से चोदना शुरू किया.

तो बोली- वाह … जियो मेरे राजा … तेरे जैसे लड़के से चुदवाने में बहुत मजा आ रहा है। भला हो उस छोटी सी खिड़की का जिसकी वजह से ये मस्त लंड मुझे अपनी चूत में डलवाने का मौका मिला।


मैं भी मजे के साथ लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर कर रहा था। मैंने उसकी टांगों को पकड़ लिया और अब मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा रहा था. मैं धीरे-धीरे भाभी की चूचियों को भी दबा रहा था तेजी से अंदर बाहर कर रहा था।

वह भी अपनी गांड को धीरे से पीछे से उठा कर दे मेरा साथ दे रही थी- आह चोद दो … और अन्दर … मेरा होने वाला है।


मेरा भी होने वाला था तो मैंने उसे तेज़ी से रगड़ना शुरू किया।


यही कोई 20 धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और एक दूसरे को अपने अपने रस से नहला दिया।


पांच सात मिनट बाद हम अलग हुए और अपने कपड़े ठीक किए और उसने मुझे अपने गले लगा कर एक लंबा सा चुम्मा दिया।


फिर भाभी ने कहा- आज सच में चुदाई का बहुत मजा आया। जब भी तुम्हें अपना टेस्ट बदलना हो तो मुझे याद कर लेना. मैं और मेरी चूत हमेशा तुम्हारी सेवा के लिए हाजिर है।


फ़िर हमारे बीच ये चुदाई का खेल चलता रहा। अब तीन चूत एक ही बिल्डिंग में मिल थी. पर अभी तो लण्ड के और भी मजे होने बाकी थे। क्योंकि मेरी कमरे के साथ वाली पड़ोसन व मकान मालकिन भी तो इसी बिल्डिंग में रह रही थी। उन्हें भी तो किसी न किसी दिन इस लण्ड के नीचे आना ही था।

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